
गणतंत्र दिवस की बेला आई , हर्ष ख़ुशी चहुँओरहै छाई
देशगान के गूंजे है स्वर, इक दूजे को मिली बधाई
देशगान के गूंजे है स्वर, इक दूजे को मिली बधाई
जय भारत, जय हिंद का नारा, आज ओर भी हुआ बुलंद
नित विकास के पथ पर बढ़ते, भारत नै रचे हैं नए छंद
इबारत, नया विहान, हर पल ने नै उम्मीद जगाई
सम्मान बाधा, सत्कार बाधा, सबने मिलकर प्रीत लुटाई
आगे सबको आना होगा, अपना फ़र्ज़ निभाना होगा
राष्ट्रप्रेम है सबसे ऊपर, जनजन को समझाना होगा
वैमनस्य के दुर्गुण को सब मिलकर दूर करें भाई
चमके दमके नाम देश का, घडी इसी संकल्प की आई
नमन है उन वीरों को, जिनके दम पर हम आजाद हुए
हटा तिमिर, फैला उजियारा, हर सु सब आबाद हुए
भारत माँ के लाल बनें, जीतें दिल ,तोड़ें रुसवाई
जमे रहें कर्त्तव्य मार्ग पर, सबने यही बात दोहराई